मोक्ष ध्यान की उच्च अवस्था है
- मोक्ष ध्यान की उच्च अवस्था है जो प्रत्तेक को नियमित ध्यान साधना करके प्राप्त करनी होती है ।
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- नियमित ध्यान के अभ्यास से क्रमशः आत्मानुभुति , आत्मज्ञान आत्मधर्म की जागृति , आत्मानँद , आत्मसमाधान , आत्मशाँति और आत्ममोक्ष की स्थिति संभव होती है । साधना स्वयं करनी होती है , मोक्ष की स्थिति साधना से ही संभव है ।
माँ पुष्प [ २ ]
- या तो समाज में रहकर सामूहिक ध्यान करो या हिमालय में जाकर प्रकृति की सामूहिकता में ध्यान करो । ये दो ही मोक्सप्राप्ति के मार्ग है ।
ही .का .स .यो .[ ३ ]
- हम सभी का यह सद्भाग्य है की मोक्सप्राप्ति के द्वार जिवंत सदगुरु श्री शिवक्रिपानँदजी के जीवनकाल में हम है । शीवबाबा ने कहाँ था --- तुम्हारे माध्यम से जगत में लाखों आत्माएँ लाभान्वित होगी , लाखों आत्माएँ मोक्ष की प्राप्ति करेंगी ।
ही .का .स .यो .[ २ ]
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