" गुरु: साक्षात् परब्रह्म"

_*आज मुझे " गुरु: साक्षात् परब्रह्म" का अर्थ समझ मे आ गया है। इस पृथ्वी पर अगर साक्षात् परमात्मा कोई है, तो वे गुरु है। बस ऐसे गुरु मिलने चाहिए, जहाँ जाकर परमात्मा की खोज समाप्त हो जाए। मैं आज अपने परमात्मा को नमन करता हूँ। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
🌺🙏🏻🌺
_* HSY 1 pg 346*_

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