आश्रम की व्यवस्था के कारण प्रत्तेक आश्रम में एक पवित्रता का वातावरण होता है ।

आश्रम  की  व्यवस्था  के  कारण  प्रत्तेक  आश्रम  में  एक  पवित्रता   का   वातावरण  होता  है । आपका  कार्य  अन्य  सेवाधारी  करे , कितनी  शर्म  की  बात  है ! आप  आश्रम  में  जब  भी  आए , तो  आप  यह  भाव  लेकर  आए -- मै  स्वामीजी  के  सानिध्य  में  आया  हूँ , मुझे  उस  स्थान  पर  रहने  का  सुवसर  मील  रहा  है , यहाँ  लोग  दुनियाँ  भर  से  दर्शन  करने  आते  है । यह  एहसास  भी  आपको  हो  गया , तो  भी  बाकी  सब  हो  जाएगा । आपको  सभीको  एहसास  हो , यही  गुरुशक्तियोँ  से  प्रार्थना  है । आप  सभीको  खूब  खूब  आशीर्वाद।
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आपका
बाबा स्वामी

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