परमात्मा सर्वत्र है ।

*ॐ श्री शिवकृपानंद स्वामी नमोनमः*

*" परमात्मा सर्वत्र है ।"*  कोई   बाहर खोजते -खोजते भीतर   चले जाते है और कोई भीतर   खोजते -खोजते बाहर आ जाते   है। समर्पणध्यान भीतर खोजते -खोजते बाहर आ जाना है । पहले  गहरे भीतर ऊतरो और जानो  -- परमात्मा आपके भीतर है । और   बाद में भीतर से बाहर की यात्रा   प्रारंभ करो तो अनुभव होगा --परमात्मा सर्वत्र है ।

[ आध्यात्मिक सत्य ]

*सुप्रभात*
*आपका दिन मंगलमय हो....*🙏🏻

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