सदगुरु एक माध्यम है

॥सदगुरु एक माध्यम है ॥

" गुरु  साक्षात  परब्रह्म " इस  एक  वाक्य  में  ही  बड़ा  रहस्य  छुपा  हुआ  है ।वह  जिसने  अनुभव  कर  लिया , उसे  जानने  के  लिए  कुछ  बाकी  ही  नही  रहता  है ।...
परमात्मा  संदेश  के  रूप  में , ' चैतन्य ' के  रूप  में  कल  भी  था , आज  भी  है  और  कल  भी  रहेगा । उस  परमात्मा  का  संदेश  एक  ही  होगा , बस  संदेशवाहक  अलग -अलग  होंगे , परिस्थितींनुसार  होंगे  , समय  के  अनुसार  होंगे , अधिक  से  अधिक  लोगों  तक  पहुँचे  इस  प्रकार  होंगे । आज  के  संदेशवाहक  आज -से  होंगे । संदेश  एक  है , संदेशवाहक  अलग -अलग  है । हमे  जीवन  में  वर्तमान  संदेश  पर  ध्यान  देना  है ।...
भारतीय  संस्कृति  अनुभूति  पर  आधारित  है  और  उसी  अनुभूति  के  आधार  पर  सदगुरु  को  बड़ा  महत्व  दिया  गया  है । इसीलिए  सदगुरु  के  महत्व  को  समझाने  के  लिए  कहाँ  गया  है  , " गुरु साक्षात परब्रह्म " याने  गुरु  परमात्मा  का  आज  का  साक्षात  स्वरूप  होता  है ।...
**************** *आध्यात्मिक सत्य *

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