गुरुपुर्णिमा.....२०१०
प.पू.गुरुदेव के प्रवचन के कुछ अंश
गुरुपुर्णिमा.....२०१०.......
[ १ ]
सामूहिकता में चले जाने के बाद उस बुरे कर्म का प्रभाव आप के ऊपर महसूस नही होता ।
सामुहीकता में धान करेंगे तब आपकी आत्मा ही आपका गुरु बन जाएगी ।
कुछ नकारात्मक शक्तीया आपको माध्यम बना सकती है । इसलिए सामुहीकता छोड़ करके बिल्कुल ध्यान मत करो । किसी भी कीमत पे कलेक्टिव्हिटि को मत छोडो ।
गुरुपुर्णिमा के दिन शिष्य की चैतन्य ग्रहण करने की क्षमता खूब बढ़ जाती है ।
नियमित ध्यान करो , ताकि प्रत्तेक दिन आपके जीवन में गुरुपुर्णिमा सिद्ध होगा ।
शरीर के गुलाम मत बनो......।आत्मा का शरीर के ऊपर नियंत्रण रखना ही समर्पण ध्यान का उद्देश है
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