प्रत्तेक में सामना करने का सामर्थ्य छुपा होता है

प्रत्तेक   में   सामना   करने   का   सामर्थ्य   छुपा   होता   है । कोई   इस   बात   को   जानता   है .... मानता   है   तथा   किसी   को   माध्यम   की   आवश्यकता   होती   है । हमारे   आराध्य   अथवा   गुरु   वे   माध्यम   है   जो   हमे   स्वयं   पर   विश्वास   करना   सीखाते   है ।
***********
वंदनिय गुरुमाँ         

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी