" मै " का अस्तित्व प्रत्तेक मनुष्य का निजी मामला है
綾।।जय गुरुदेव ।।綾
" मै " का अस्तित्व प्रत्तेक मनुष्य का निजी मामला है । वह jab-तक इस " मै " के अस्तित्व को छोडेगा नही , तब तक " आत्मज्ञान " का अंकुर फुटेगा ही नही ।
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ही .का .स .योग - १
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ही .का .स .योग - १
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