महाशीवरात्री - २०१४


**  आगे  का  कार्य  आत्मिक  स्तर  पर  होनेवाला  है । भाव  के  साथ  होनेवाला  है । क्योंकी  शरीर  का  संकल्प  पूर्ण  हो  गया । शरीर  का  कार्य  समाप्त  हॉगया । शरीर  का  उत्तरार्ध  प्रारंभ  हो  रहा  है । पूर्वार्ध  जो  था  ना  वो  शरीर  के  साथ  था , उत्तरार्ध  आत्मा  के  साथ  है ।
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महाशीवरात्री - २०१४ -
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