मनुष्य - शरीर और आत्मा का मिलाजुला मिश्रण होता है

मुख्य रूप से विभाजित करे , तो मनुष्य - शरीर और आत्मा का मिलाजुला मिश्रण होता है। मनुष्य में शरीर के विकार होते है और आत्मा की पवित्रता होती है। दोनो ही पूर्वकर्मो के अनुसार हॉते है। पर जीवन में अच्छी समूहिकता मिल जाए तो मनुष्य अच्छे मार्ग पर चलता है। और अच्छी समूहिकता प्राप्त करने का आसान मार्ग है- सदगुरु की शरण में जाना। सद्गुरू से लाखों आत्माए जुड़ी होती है। और उसकी शरण में जाने से हम अनायास ही लाखों आत्माओ के साथ जुड़ जाते है। *_
-HSY 2 pg 460

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