हमारा चित्त जहाँ होता है , वहाँ से हम ऊर्जा ग्रहण करते रहते है ।
" हमारा चित्त जहाँ होता है , वहाँ से हम ऊर्जा ग्रहण करते रहते है । फिर शरीर से हम कहीँ भी हो , कोई फरक नही पड़ता है ।"...
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ही .का .स .योग [ १ ]
🙏जय बाबा स्वामी 🙏
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