मानव की आध्यात्मिक प्रगती उसके हाथ में है ।
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मानव की आध्यात्मिक प्रगती उसके हाथ में है । भूतकाल के बुरे अनुभवों को बार -बार याद करने से मानव की आध्यात्मिक प्रगती का मार्ग अवरुद्ध होता है । किंतु सभीको क्षमा करनेमात्र से उसकी आध्यात्मिक प्रगती का मार्ग प्रशस्त होता है । देवत्व कल भी था , आज भी है और कल भी रहेगा । बीते कल तथा आनेवाले समय का देवत्व हमसे बहोत दूर है । किंतु वर्तमान समय का देवत्व हमारे आस -पास ही है । वर्तमान समय के देवत्व को हम तभी पहचान सकते है , जब हमारा ध्यान , हमारा चित्त वर्तमान समय में हो । वर्तमान समय में रहना ही ध्यान है । ध्यान करने से जो योग्य होगा , वही हमारे साथ रहेगा तथा जो योग्य नही होगा वह छूट जाएगा । इस तरह प्रेमतत्व की विजय होगी और अंत में प्रेममय जग का निर्माण होगा ।
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वँदनिय गुरु माँ 🌸
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🙏।।जय बाबा स्वामी ।।🙏
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