गुरु परमात्मा का साक्षात अवतरण ही होता है

_*गुरु परमात्मा का साक्षात अवतरण ही होता है। आज इस धरती पर परमात्मा अगर किसी वर्तमान स्वरूप में विद्यमान है, तो वह गुरु ही है। और ऐसे जीवंत गुरु के दर्शन से ही अपने भीतर के गुरु का, आत्मा का जन्म होता है। उसके सान्निध्य में केवल आत्मसाक्षात्कार माँगना चाहिए। यही ईश्वरीय संकेत होता है। *_
_*HSY 2 pg 370-372*_

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