सबसे परमात्मा जैसा समान व्यवहार कार्य है

_*समय भी भगवान जेसा प्रतीत होता है। सबसे परमात्मा जैसा समान व्यवहार कार्य है। किसी के साथ कोई भी भेदभाव नहि करता है। समय का एक ही गुण है- सदैव आगे बढ़ना। उसे कोई न पकड़ पाया है, न पकड़ पाएगा। जीवन के कितने भी सुनहरे पल हो, पकड़ में कोई नहि आयेंगे। मानो समय कह रहा हे- सुनहरे पल भी मिथ्या है। तू मान रहा हे- ये सुनहरे पल हे। वास्तव में, सुनहरे पल जैसा कुछ भी नहि है। न कोई सुनहरा पल है और न कोई ख़राब पल है। मनुष्य अपनी स्थिति के अनुसार पल को सुनहरा या ख़राब समजता है। और यह समझ मनुष्य की अपनी है। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
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_* HSY 1 pg 126-127*_

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