जिसके माध्यम से हमारा संबंध परम चैतन्य से स्थापित होता है वह है - गुरु
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🌸शत -शत तुम्हे प्रणाम 🌸
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जिसके माध्यम से हमारा संबंध परम चैतन्य से स्थापित होता है वह है - गुरु । गुरु शक्ति है , व्यक्ति नही । शरीर नाशवान है , शक्तियाँ अविनाशी है। प्रत्तेक समय में गुरुतत्व धरती पर विद्यमान रहा ही है । जिस शरीर के माध्यम से ईश्वरीय चेतना बहती है उसे हम गुरु कहते है । गुरु अपने जीवनकाल में इस जग को चैतन्यमय बनाने का प्रयास करता है । ऐसे गुरु को मेरा कोटी -कोटी वंदन ।
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प.पू .वँदनिय गुरुमाँ 🌸
🙏जय बाबा स्वामी 🙏
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