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Showing posts from April, 2019
गुरुदेव प्रणाम         कल की मीटिंग में ANI चेनल से सुरेशभाई आये थे उन्होंने अपना अनुभव भेजा हे આજનો અનુભવ શબ્દમાં બયાન કરવો મુશ્કેલ છે.એક અલોકીક અનુભૂતિ અને ચૅતના નો સંચાર ...

ध्यान का बीज

       ...पूर्वजन्म के अच्छे कर्मो से आपको 'सद्गुरु' के माध्यम से परमात्मा ने ध्यान का 'बीज' दिया है |  वह बीज पाकर भी आप अगर उसे वृक्ष न बना पाए, तो आपके जैसा  दूर्भाग्यशाली कोई व्...

क्षमा

आपके मन में किसी के भी प्रति नफरत हो , घूणाभाव हो , आप उसे क्षमा कर दे। क्योंकि क्षमा करना ही आपके हाथ में होता है। लेकिन क्षमा केवल अपने मन से ही करने की है , उस व्यक्ति के जाकर पै...

मन

मन का वो भाव है जो शरीर से अधीक सुख प्राप्त करते  है वह शरीर से दुख भी अधीक प्राप्त करते  है घडी के पडुलम जैसी स्थीती है जो जीसे प्रेम अधीक करते  है वह उसीसे गुस्सा भी अधीक करत...

मूर्ति पूजा प्राईमरी है।

मूर्ति पूजा प्राईमरी है। तो क्या हमें जीवन भर प्राईमरी में ही बैठे रहना है? हमें प्रगति भी करना है। सन्त ज्ञानेश्वर जी ने इस शरीर को ही मन्दिर कहा है। और तालु भाग इसका प्रवे...

वसुधैव कुटुंबकम

गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर ,हमारे पूर्वजों ने जो एक  स्वप्न देखा था, हमारे पूर्वजों ने हमारे सामने आनेवालेा विश्र्    की एक परिकल्पना प्रस्तुत की थी, ' वसुधैव कुटुंबकम् ' , ...

प्रण

💎 क्या  स्वामीजी  की  कठोर  साधना  का  लाभ  हम  उठाएंगे  और  आजन्म  अपना  दूषित  आभामंडल  स्वामीजी  से  स्वच्छ  करवाएँगे ?   नही ! कदापि  नही !! अनजाने  मे  भूल  हो  गई ,आगे  न  ...

आत्मा ही आपका गुरु

आत्मा ही आपका गुरु है। आपके आत्मा को क्या लग रहा है, क्या अनुभव हो रहा है, बस उसे गुरु बनाओ। आपके अनुभवों को गुरु बनाओ। मुझे "मत चिपको", मुझे "मत पकडो" क्योकि मैं भी बस 'माध्यम' हुँ। ...

गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम हेतु एक साधक के लिए न्यूनतम मानक मापदंड

|| जय बाबा स्वामी || सभी आचार्य/संचालक एवं साधक भाई बहनों को मेरा नमस्कार, पिछले कुछ दिनों से बहुत से आचार्य एवं शिबिर संचालक के द्वारा भी एक प्रश्न बार-बार पूछा जा रहा है । *किसी ...

मां का जगाना

पूरे 24 घंटे में से सिर्फ 30 मिनिट , मैं जैसा बैठता हूँ वैसा बैठो। कोई देर नहीं हुई हैं। जब जागो तभी सबेरा। कुछ नहीं कल से चालू करो ना। कल से एक आधा घंटा बैठना चालू करो। बाकी सब मैं ...

अपने चित्त को अपने भीतर रखना आसान नहीं

अपने चित्त को अपने भीतर रखना आसान नहीं होता क्योंकि उसे भीतर जाने के लिए कोई कारण होना चाहिए , कोई उद्देश होना चाहिए। जबतक कोई उद्देश न हो तो हमारा भी अपने चित्त पर नियंत्रण न होगा। क्यों भीतर जाना है , यह उद्देश हमें हमारे चित के सामने रखना होगा ,तभी वह भीतर जाएगा। भाग ५

दूर ही रहो और चैतन्य का आनंद लो

जय बाबा स्वामी        जो एक बार दूर हो गया वह वापस कभी नही आता । इससे अच्छा है "दूर ही रहो "और चैतन्य का आनंद लो। मैं आपके शरीर से भले ही दूर हूँ लेकिन आप आँख बंद करके देखो तो आप मुझ...

Shree Baba Swami Dham

Before incarnation of every Guru-tatva (Guru Element), a sacred place is chosen in advance; which becomes the epicentre of divine energy. The Baba Swami Dham is not only the residence of our Living Satguru, but is also an epicentre of the power where His Holiness Swamiji has established the divine energy. His Holiness Swamiji used to conduct Meditation Workshops at different places but there was no permanent place where He could return after various workshops all over the world. Also, there was no permanent place for the sadhaks (disciples) to meet him personally, as He was always moving from place to place. So, it was a critical requirement and pure wish of all the sadhaks to stabilise His Holiness Swamiji and the associated Energy at one place. This sacred place was chosen at Mogar village near Navsari where in March 2002, one of the sadhaks donated his land for construction of the Dham and with the collective efforts of all the sadhaks from all over the world and blessings of Uni...

परमात्मा सर्वत्र हैं

1) इस विश्व में परमात्मा सर्वत्र है | 2) वही सूर्य को, चंद्र को, पृथ्वी को, तारों को निश्चित स्थान पर रख रहा है | 3) वही भूमि पर संतुलन रख रहा है | 'पानी की मात्रा' बढ़ने नहीं दे रहा है | 4) मनु...

सबके प्रति अच्छा भाव -- अध्यात्मिक प्रगति का सरल मार्ग

         .....मैं बार-बार सामूहिकता का जिक्र इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि मैंने मेरा सारा अस्तित्व सामूहिकता में बाँट दिया है | तो आपको अगर मेरे साथ रहना है तो आपको सामूहिकता के साथ ...

आभामंडल

99) उनकी समाधि के आसपास कई मीलों तक उनके आभामंडल का प्रभाव देखा जाता है | 100) ये अपनी संकल्पशक्ति से उस प्रभाव को बनाए रखते हैं | 101) जिस प्रकार हम स्वच्छ, अच्छे कपड़े पहनना पसंद करते ह...

समर्पण ध्यान नि:शुल्क क्यों है ?

समर्पण ध्यान..परमात्मा की देन अमूल्य प्रश्न 55 :- समर्पण ध्यान नि:शुल्क क्यों है ? स्वामीजी : समर्पण ध्यान सद्गुरु के सान्निध्य में किया गया ईश्वरप्राप्ति का सामूहिक प्रयास ह...

સાધકની ડાયરી

સવારનો લગભગ ૭:૩૦નો સમય હશે.પુજ્ય ગુરૂદેવ સાથે અમે ત્રણ સેવાધારી દાડીના સમુદ્ર કિનારે બેસીને ચર્ચા કરી રહ્યા હતા.આસ્રમ વ્યવસ્થા તથા આધ્યાત્મિક વિષયો પર ચર્ચા ચાલી રહી હ...

सामूहिक ध्यान साधनासे हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

सामूहिक ध्यान साधनासे हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ? ऐसा प्रयोग 18 से 45 वर्ष के लोगो पर किया , उनका वैज्ञानिक तारण :    देव संस्कृति विश्व विद्यालयमें डॉक्टरों की टीम ने सा...

FOR DOCTORS

"OM"                                                                                             19-4-2019 ** *FOR DOCTORS* ** My Salutations to all Pious Souls…..                             Yesterday a very old doctor sadhak, who was a very famous ‘surgeon’ had come to meet me. He was the Chairperson of the first ‘Mahashibir’ that had been held in Navsari. He had formed ...

જીવંત માધ્યમનુ સાનિધ્ય

તમને જ્યારે પણ જીવનકાળમા ક્યારેય કોઈ જીવંત માધ્યમનુ સાનિધ્ય પ્રાપ્ત થાય, એ સાનિધ્યનો ઉપયોગ તમે તમારી રોજબરોજની સમસ્યાઓ દૂર કરવા માટે ન કરો.એ સાનિધ્યનો ઉપયોગ દેહથી સંબં...

आभामंडल

88) कोई व्यक्ति की मृत्यु होने वाली रहती है, तो उसके अाभामंडल पर काली परछाई पड़ने लगती है | 89) आभामंडल आपका जीवनसाथी है जो अंधेरे में भी साथ नहीं छोड़ता है | 90) हिमालय में रात के समय भ...