मूलाधार चक्र (आधार चक्र) का संबंध पृथ्वी से - ३
उनको समझ में आ गया - नीचे बैठने से ज्यादा वाइब्रेशन्स आते हैं, ज्यादा एनर्जी मिलती है। आपको नीचे इसीलिए बिठाया है। दूसरा, तुम अगर बैठ सकते हो तो ध्यान के समय नीचे बैठो। तुम कौन से पोस्ट के ऊपर हो, कौन से पद के ऊपर हो, सब छोड़ दो आज पद-वद। जमीन पे बैठो। जमीन पे बैठोगे तो वो मिलेगा जो आज तक जीवन में कभी नहीं मिला और आज अगर जमीन पे नहीं बैठे तो जिंदगी में जमीन पे नहीं बैठ सकते। अरे, लाखों की तादाद में लोग जमीन पे बैठे हुए हैं, अँग्रेज लोग जमीन पे बैठना सीख गए, क्या तुम नहीं सीखोगे? जमीन पे बैठने से गुरुत्वाकर्षण शक्ति तुम्हारे सारे बीमारियों को खींच लेगी। आदिवासी लोगों के अंदर.. वहाँ कोई डॉक्टर नहीं है, वहाँ कोई हॉस्पिटल नहीं है लेकिन आदिवासी सिर्फ प्रार्थना करते हैं। पेटदर्द हो रहा है, प्रार्थना करते हैं पृथ्वी को। पेटदर्द ठीक हो जाता है। दस्त लग रहे हैं, पृथ्वी को प्रार्थना करते हैं, ठीक हो जाता है। सिर्फ उनका भाऽव है। वो पृथ्वी को माँ बोलते हैं। माँ की गोद में जाकरके माँ को सारे शिकायतें कर सकते हैं, माँ को सारी बीमारियाँ बता सकते हैं, इस भाव से समर्पित करते हैं। (Cont..)
समर्पण ग्रंथ - १४८
(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है।) पृष्ठ:८६
Comments
Post a Comment