गुरुशक्तियों का शुद्ध औऱ पवित्र एहसास का सानिध्य

गुरुशक्तियों  का  शुद्ध  औऱ  पवित्र  "एहसास " का  "सानिध्य " "सदैव  औऱ  सतत " अनुभव  हो  इसी  के  लिए  "गहन  ध्यान  अनुष्ठान "  का  आयोजन  गुरुशक्तियों  ने  कीया  है । लेकिन  उसके  लिए  हमे  भी  अपने  चित्त  को  " शुद्ध  औऱ  पवित्र " रखना  होगा । आपका  ध्यान  केवल  ऑर  केवल  " गुरुचरण  पर  ही  होगा ।  सद्गुरु  आपके  हृदय  के  द्वार  पर  खड़ा  है । बस  आपके  हृदय  का  द्वार  खोल  कर  अनुभव  करौ । सारा  आपका  ध्यान  आपको  क्या  दिख  रहा  है , उधर  नही , क्या  अनुभव  हो  रहा  है , उधर  होना  चाहिए ।  क्योंकि  जो  दिखता  है , वह  स्थाई  नही  है , शाश्वत  नही  है ।

आपका अपना
बाबा स्वामी
६ / १ / १२

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