प्रत्येक आत्मा ने अपने पूर्व जन्म में साधना की हैं

पूज्य गुरुदेव तक हम सब पहुँचे हैं , हम सभी की साधना हैं । प्रत्येक आत्मा ने अपने पूर्व जन्म में साधना की हैं फ़िर चाहे उसने ब्रह्मचारी रहकर साधना की , उसने सन्यासी बनकर साधना की , उसने गृहस्थ रहकर साधना की , किसी भी तरह से साधना की , साधना का धन उसके पास था , साधना की संपदा उसके साथ थी । तभी तो यहाँ तक पहुँच सका हैं ।

*✍--पूज्या गुरुमाँ ...*
*गुरुपुर्णिमा - २ ० १ ६*
*कच्छ आश्रम - पुनडि*

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