मां का जगाना


पूरे 24 घंटे में से सिर्फ 30 मिनिट ,
मैं जैसा बैठता हूँ वैसा बैठो।

कोई देर नहीं हुई हैं। जब जागो तभी सबेरा।
कुछ नहीं कल से चालू करो ना।
कल से एक आधा घंटा बैठना चालू करो। बाकी सब मैं देख लूगा। अरे सिर्फ बैठो तो सही बाबा।

तुम लोग ना इतने बदमाश हो ,
मैं तुमको 3:30 से 5:30 के बीच मे कई बार आकर उठाता हूँ।
लेकिन तुम उठ करके फिर सो जाते हो।
आप देखो बराबर कई बार आपकी नींद खुल जाती है, 3:30 और 5:30 इसके बीच के टाइम में खुलती है। थोड़ी सी भी अगर तुम्हारे मे इच्छा है, थोड़ी सी भी। एक कदम आप मेरी ओर चलो तो मैं दस कदम आपकी ओर चलता हूँ।

और आप को बराबर एक सही समय पे ,सही स्थान पर उठाता हूँ ।
लेकिन उठाने  के बाद भी आप फिर से सो जाते हो तो सोए हुए को कौन उठा सकता है।
कभी भी देखो कभी भी ऐसी नींद खुले ना , तो तुरंत उठ कर के बैठो और ध्यान करो,
स्वामीजी ने मुझे उठाया है। 
नियमित ध्यान करो और उस मुक्त स्थिति को अपने इसी जीवन काल में प्राप्त करो।

~सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामी
~समर्पण ध्यान

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