ध्यान की ताकत

जब 100 लोग एक साथ साधना करते है तो उत्पन्न लहरें 5 कि.मी. तक फैलती है और नकारात्मकता नष्ट कर सकारात्मकता का निर्माण करती हैं।
आईस्टांईन नें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहा था कि एक अणु के विघटन से लाखों  अणुओं का विघटन होता है, इसी को हम अणु विस्फोट कहते है।
यही सूत्र हमारे ऋषि, मुनियों ने हमें हजारो साल पहले दिया था।
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आज पृथ्वी पर केवल 4% लोग ही ध्यान करते है लेकिन बचे 96% लोंगो को इसका पॉजिटिव इफेक्ट होता है।
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अगर हम भी लगातार 90 दिनो तक ध्यान करे तो इसका सकारात्मक प्रभाव हमारे और हमारे परिवार पर दिखाई देगा।
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अगर पृथ्वी पर 10% लोंग ध्यान करनें लगे तो पृथ्वी पर विद्यमान लगभग सभी समस्याओं को
नष्ट करने की ताकत ध्यान में है।
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उदाहरण के लिए हम बात करे तो महर्षि महेश योगी जी ने सन् 1993 में वैज्ञानिकों के समक्ष यह सिद्ध किया था।। हुआ यूँ कि उन्होने वॉशिंगटन डी सी में 4000 अध्यापकों को बुलाकर एक साथ ध्यान (मेडिटेशन) करने को कहा और चमत्कारीक परिणाम यह था कि शहर का क्राईम रिपोर्ट 50% तक कम हुआ पाया गया।

वैज्ञानिकों को कारण समझ नहीं आया और उन्होनें इसे`महर्षि इफेक्ट" नाम दिया।

यह ताकत है ध्यान मे।

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