मूलाधार चक्र (आधार चक्र) का संबंध पृथ्वी से - ४

उनकी बीमारियाँ पृथ्वी ही ठीक करती है। इतने बड़े संख्या में तो बताना संभव नहीं है लेकिन मैं जैन मुनियों को ये सिखाता हैं। जैन मुनि वो लेते नहीं है, दवाइयाँ खाते नहीं हैं, दवाइयाँ लेते नहीं हैं। इसलिए उनको भी सिखाता हूँ - कैसे भूमि माता को प्रार्थना करके अपनी बीमारियाँ ठीक कर सकते हो, कैसे दस्त ठीक कर सकते हो, कैसे बुखार उतार सकते हो। सिर्फ प्रार्थना करने मात्र से शरीर से सब खींच जाता है, गुरुत्वाकर्षण शक्ति खींचके  बेलेन्स कर देती है, संतुलित कर देती है।

समर्पण ग्रंथ - १४९

(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है।)  पृष्ठ:८६-८७

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