माँ कुंडलिनी
माँ कुंडलिनी अकेला कुछ नही कर सकती । यहाँ गुरुदेव का आशीर्वाद चाहिए , गुरुदेव की एक प्रार्थना चाहिए कि इस आत्मा का विकास हो , यह सहस्त्रार तक पहुँचे ! यह गुरुदेव की एक प्रार्थना हम सब का चित्त आज्ञा चक्र को शुद्ध करते हुए सहस्रार तक लें जाती हैं । इसके लिए केवल गुरुदेव चाहिए । केवल गुरुदेव , वो भी जीवंत ! ये आज्ञाचक्र गुरु का स्थान हैं । संपूर्ण आज्ञाचक्र , आगे से पीछे तक पुरा माथा ।
✍🏼पूज्या गुरुमाँ
गुरुपुर्णिमा - २०१३
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