मनुष्य-योनि
एक आत्मा जब मनुष्य-योनि में जन्म
लेकर मनुष्य-शरीर का उपयोग, परमात्मा
की प्राप्ति में पुल के समान करती है और
पुल पार करके अपने मोक्षरूपी घर जाती
है, तब वह पुल पर अटकी हुई कई आत्माओं के भीतर जागृति करती । उस पुल पर अटकी हुई कई आत्माएँ जो पुल पर ही सोयी पड़ी हुई हैं, वे जागती हैं और
पुल के पार अपने मोक्षरूपी घर जाने का
प्रयास करती हैं । और तू तो वह आत्मा है जो अनेक आत्माओं को पुल पार करवाएगी । अपने आप को पहचान ! तूँ
अपने आप को जान ! तेरे भीतर ही सारा ज्ञान भरा पड़ा है ।
हि. का.स.योग 1
पेज 112/113
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