सानिध्य
मूझे गुरुशक्तियों ने भेजा था , औऱ "माध्यम " बनाने के लिए । लेकिन कोइ पवित्र आत्मा वह "माध्यम " बनने को तयार ही नही है । अब ऐसी स्थिती में क्या करे ? "मंगल मूर्तियाँ " बनाने का निर्णय लेना पड़ा । हो सकता है , भविष्य में ये "मंगल मूर्तियाँ " ही "माध्यम बनने की प्रेरणा बने । आप अपने शरीर के विकारों शे औऱ "कर्ता " के भाव से मुक्त हो , यही प्रभु से प्रार्थना है ।
आप सभी को खूब -खूब आशीर्वाद l
आपका अपना
बाबास्वामी
[ 23/2/12]
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