आत्मा के परमात्मा के प्रति समर्पण
सद्गुरु को भगवान मानना आत्मा के परमात्मा के प्रति समर्पण की चरणसीमा है,क्योंकि परमात्मा से अधिक कुछ हो ही नही सकता।और गुरुदेव से प्राप्त् अनुभूति को ही पकड़ लिया और उस अनुभूति के सहारे मैने मेरा सारा "कर्ता भाव "उन्हे समर्पित कर दिया और मेरी आत्मा परमात्मामय हो गईं । . . . .
-बाबा स्वामी ---16/2/2012
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