श्री मंगलमूर्ति रूपी माध्यम
श्री गुरुषक्तियों की जीवंत श्री मंगलमूर्ति रूपी माध्यम निर्माण करने की रहस्यमय योजना है। यह अंतिम गुरुकार्य मेरे जीवन के उत्तरार्ध में प्रारंभ होगा। और जो आज तक नहीं हुआ , वह आगे होने वाला। आत्मसाक्षात्कार जीवंत गुरु के बिना संभव ही नहीं है। क्योंकि जीवंत इच्छाशक्ति के बिना आत्मसाक्षात्कार की अनुभूति संभव ही नहीं है। अब यह जीवंत इच्छाशक्ति ही एक पवित्र साधना से संकल्प के द्धारा उस श्री मंगलमूर्ति में स्थापित की जाएगी और भविष्य में जो भी आत्माएँ अगले ८00 सालों तक खोजते हुए इन तक पहुँचेंगी , वे इन श्री मंगलमूर्तियों के द्धारा ही आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करेंगी। क्योंकि इसी संकल्प के साथ इन मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा।
भाग ६ - ८१/८२
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