गुरु

गुरु स्वयं कुछ दे नहि सकते, गुरु से लेना पड़ता है; झुकक़र। जिसे झुकना आ गया, वह ख़ुद ही पा लेगा।

बाबा स्वामी
HSY 1 pg 90

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी