आत्मसाक्षात्कार

*आत्मा को शरीर में रहते हुए अहसास कराना की तू शरीर नहीं, आत्मा है, यह 'आत्मसाक्षात्कार' कहलाता है। यह एक प्रकार से आत्मा को नींद से जगाना ही हुआ। *

* बाबा स्वामी*
*HSY 5 pg 353*

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