आसाम की चाय
" आसाम  की  चाय  अपने  स्वाद  के  लिए   सारे   विश्व  में   प्रसिद्ध  है क्यों कि वहाँ  की मिट्टी, वहाँ  का  पानी, वहाँ  का मौसम, सब  मिलकर  उस  चाय  को  विशेष  बनता  हैं।  इसलिए  वहाँ  की चाय  वहीं  उग  सकती  है।  वहॉँ  के  चाय  के  झाड़ों   को  देख कर  मुझे  सफेद  फूल  वाले  चाँदनि  (चांदणी) के  झाड़  की  याद  आ  रही  थी।  वह  चाँदनी  का  झाड़  तथा  उसकी  पत्तियाँ  भी, इस  चाय  के  झाड़  जैसे  दिखते थे। चांदनी  के  झाड़  के पत्तों  पर  जैसी  चमक  होती  है, जैसा  उनका  गहरा  हरा रंग  होता  है,  ठीक  वैसा ही  इन  चाय  के  झाड़ों  का  लग  रहा  था।  एक  बड़ी  पहाडी  पर  यह  चाय  का  बगान   मीलों  तक  फैला   हुआ  था। 
पहाड़ी के बाद जो ढलान थी, उसके भी पार मुझे जाना था। उस पहाड़ी के छोर तक सुमा मेरे साथ आने वाला था और बाद में, आगे मैं ही चलने वाला था। ऐसा आगे का कार्यक्रम बनाकर रखा था। सुबह-सुबह ही हम उस पहाड़ी की ओर चल दिए जिस पहाड़ी के चाय बगान कुछ दिनों पूर्व ही सुमा देखकर आया था।
हम दोनों दोपहर तक उसी पहाड़ी के उच्च शिकर तक पहुँचे। हम दोनों ने बैठकर साथ में भोजन किया। और बाद में सुमा भी मेरे साथ चलने की जिद करने लग गया। मैं ने उसे बताया, " यह अपने कार्यक्रम में नहीं था!" वह बोला, " इतने कम समय में आपसे इतनी आत्मीयता हो गई है कि आपके बगैर जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता हूँ।"
हि.स.यो-४, पेज. ६४.
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