मंगल मूर्तियाँ
मुझे गुरुशक्तियों ने भेजा था,और माध्यम बनाने के लिए।लेकिन कोई पवित्र आत्मा वह माध्यम बनने को तयार ही नही है।अब् ऐसी स्थिति में क्या करे ?"मंगल मूर्तियाँ "बनाने का निर्णय लेना पड़ा।हो सकता है भविष्यमें ये मगलमूर्तियाँ ही माध्यम बननेकी प्रेरणा मिले।आप अपने शरीर के विकारों से और करता के भाव से मुक्त हो,यही प्रभुसे प्रार्थना है ।
आपका
बाबा स्वामी
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