माँ
स्त्री का कायॅ सौम्य स्वरुप हे , सूक्ष्म स्वरुप का होता है जो दिखता नहीं है,... पर है और बडा ही महत्वपूणॅ होता है । इसी कारण स्त्री को ' माँ ' कहे गया है,.. वैशेल हदयवेली, विशाल चितवाली, ग्रहण करने की विशाल क्षमतावाली,.. विशाल गुरुशक्तियों को आत्मसात् करनेवाली और वैशाल शक्तियों को जन्म देनेवाली ' माँ '
गूरुदेव
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