चैतन्यप्रवाह...अंदर से बाहर--1

प्रश्न 37 - साधक : गुरु से जो चैतन्य प्राप्त होता है, वह किसका चैतन्य है ?

स्वामीजी :  वह चैतन्य वैश्विक चैतन्य है, अर्थात् परमात्मा का चैतन्य है |

प्रश्न 38 - साधक : क्या सभी के वाइब्रेशन्स (चैतन्य) एक से होते हैं ?

स्वामीजी : हाँ, सभी के वाइब्रेशंस एक से होते हैं, क्योंकि वह एक ही वैश्विक चैतन्य है | यह अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीके से अनुभव होता है |

प्रश्न 39 - साधक : हमें जो वाइब्रेशन प्राप्त होते हैं, वे बाहर से अंदर जाते हैं या अंदर से बाहर ?

स्वामीजी : ये अंदर से बाहर जाते हैं |

मधुचैतन्य : अक्टूबर,नवंबर,दिसंबर-2004
चैतन्य धारा

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