कमे से मुक्ति

अभी हाल ही मे हुये चैतन्य महोत्सव
मे जो आखरी दिन ध्यान का कायेक्रम
हुआ।वह एक अलग ही अनुभव था
और जिन आत्माओ ने वह प्रत्येक्ष व
अप्रत्यक्ष रूप से उसमे जुडे वह लोग
बडे ही भाग्यवान थे।लेकीन सभी लोग उस चैतन्य का प्रसाद ले सके
इसलीये अब सभीको इसका अनुभव
कराने के उद्देश से इस सीडी से ही
प्रचार करे इसे ही गिफ्ट करे ।
ताकी जो प्रसाद हम मंन्दीर मे जा
कर लेके आये है। वह प्रत्येक मनुष्य
को मीले क्योकी सारा विश्व ही हमारा परीवार है।”वसुदेव कुटुबकम” हमारा घोष वाक्य है।
सारे मनुष्य भाग्यवान नही होते की
जो मंन्दीर जा सके और परमात्मा
का सानीध्य पा सके।पीछले ३ दिन
से सुबह मै इस से ही ध्यान कर रहा
हु । आज लगा की यह प्रसाद सभी
को मीलना चाहीये इसलिये यह
संन्देश लिखा है।
आप सभी को खुबखुब आशिवाद

                  आपका अपना
                         बाबा स्वामी
                     8/12/2018

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