अनुभूति

अनुभूती वह सत्य है जो माया के आवरण को तोड देता है।जिस प्रकार से कभी कभी आकाश मे धुंध रहती है,लेकीन तब तक जब तक सूर्य उदय नही होता।एक बार सूर्य उदय हो जाता है सारा अंधेरा दूर हो जाता है।ठीक इसी प्रकार से एक बार जीवन मे अनुभूती का  सूर्य उदय हो जाए तो सारी भ्रम की स्थिती दूर हो जाती है।

हि स यो-3,पृ-278

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