नवकार मंत्र

"  मनुष्य के जीवन में कभी-कभी भूत,
प्रेत और पिशाच का भी डर होता है।और ये भी मनुष्य को जीवन में  अलग-अलग तरीकों से तंग करते हैं।इस प्रकार की ,भूत प्रेतों और पिशाचों  की तकलीफों से भी इस मंत्र से  मुक्त्ति मिलती है।अब प्रश्न है-- ये भूत बनते ही क्यों हैं? मनुष्य के जीवन में कोई भी कामना या वासना जब बहुत बड़ी हो जाती है और वह पूर्ण नहीं होती है तो उस वासना को पूर्ण करने के लिए मनुष्य भूतयोनि में जाता है और अपनी वासना को पूर्ण करता है।
मनुष्य को वैरभाव भी इस योनि में जाने के लिए उसे प्रेरणा देता है।सतत किसी के प्रति वैरभाव रखने से वह इतना अधिक हो जाता है कि वह मृत्यु के बाद भी समाप्त नहीं होता है।और उस वैरभाव के कारण  वह आत्मा दूसरा जन्म भी नहीं ले पाती है और फिर वह भूतयोनि में जाती  है। पथभ्रष्ट योगी भी भूतयोनि में जाते हैं।मनुष्य जीवन में कई ऐसे पाप करता है जिन्हें  करने पर उसे भूतयोनि प्राप्त होती है। भूतों की बाधा से मनुष्य को बहुत पीड़ा होती है।इस मंत्र के प्रभाव से उन भूतों को भी मुक्त्ति मिलती है और मनुष्य भी उनकी तकलीफों से मुक्त्त होता है।"
"इस जंगल में कई जंगली प्राणी हैं--जैसे शेर,बाघ आदि लेकिन इस मंत्र का जाप जहाँ चलता है,वहाँ पर इस मंत्र का आभामण्डल बन जाता है। और जंगली प्राणी उस आभामण्डल में आते ही नहीं हैं। वे इस मंत्र के प्रभाव से पास भी नहीं आते हैं। यह मंत्र इतना प्रभावशाली  है  कि  यह  मनुष्य  को हिंसक प्राणियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है!इस मंत्र के जाप का इतना प्रभाव है कि जो साधक इस मंत्र का जाप करता है,उसे कोई शत्रु जहर भी पिला दे तो उस जहर का उसके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह मंत्र मनुष्य को जहर के प्रभाव से भी बचाता है।"...

हि.स.यो-४           
पु-४०८

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