चित्तशक्ति ओर चित्तशक्ति
कोई भी मनुष्य न तो भूतकाल को भूला सकता है और न ही आसक्त्ति पर नियंत्रण कर सकता है। आज तक कोई मनुष्य न ऐसा कर सका है और न कर सकेगा। क्योकि मनुष्य की जो जीवनशक्ति है, उससे अधिक चित्तशक्ति सशक्त्त है। इसलिए एक मनुष्य की जीवनशक्ति से चित्तशक्ति पर कभी नियंत्रण नहीं किया जा सकता है। चित्तशक्ति पर नियंत्रण करने के लिए मनुष्य को अपनी जीवनशक्ति बढ़ाने की आवश्यकता है। यह जीवनशक्ति केवल जीवनशक्ति की सामूहिकता में ही बढ़ सकती है। और यह जीवनशक्ति की सामूहिकता सद्गुरु के पास होती हैं l
..बाबा स्वामी
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