आज की युवा पीढ़ी को अपने जीवन में मोक्ष का लक्ष्य रखने की क्या आवश्यकता है ?

१. युवा-पीढ़ी अपने जीवन में मोक्ष की स्थिति पाने का अगर लक्ष्य रखती है और नियमित ध्यानयोग की साधना करती है तो प्रथम उसे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होगा.
२. युवा-पीढ़ी अगर नियमित ध्यानयोग की साधना करती है तो उसकी मन की एकाग्रता  बढ़ेगी और जो भी कार्य करेगी , उन्हें उस कार्य में सफलता प्राप्त होगी।
३. युवा-पीढ़ी को भीतर से और बाहर से सुरक्षा प्राप्त होगी। भीतर से सुरक्षा प्राप्त होगी यानी वह कभी आत्महत्या नहीं करेगी और बाहरी सुरक्षा प्राप्त होगी यानी उसका कभी भी ऐक्सिडेंट (दुर्घटना) नहीं होगा क्योंकि उन्हीं का बना हुआ आभामंडल उनको अंदर से और बाहर से सुरक्षा प्रदान करेगा।
४. *आमंत्रित बच्चों के माँ-बाप बनेंगे*:- युवा पीढ़ी , ध्यानयोग की साधना करके इतने पवित्र और शुद्ध हो जाएगी कि वह अपने घर में जन्म लेने के लिए पवित्र आत्माओं को आमंत्रित करेगी।
५. *समाधान की प्राप्ति*:- मनुष्य की खोज सदैव परमात्मा को बाहर खोजने की होती है। जब उन्हें अपने ही भीतर परमात्मा का अनुभव होगा तो उनकी सारी बाहरी खोज समाप्त होगी और वे जीवन में एक संपूर्ण समाधान को प्राप्त हो जाएँगे।
६. *अपने ही गुरू बनेंगे*:- जीवन में क्या अच्छा है और क्या बुरा है , इसका ज्ञान उसे अपने भीतर से ही होना प्रारंभ हो जाएगा और युवा पीढ़ी अपनी ही गुरू हो जाएगी।
७. *मोक्ष की प्राप्ति*:- युवा पीढ़ी अपने जीवन में यह मोक्ष की स्थिति को प्राप्त करेगी। वह स्थिति प्राप्त होने के बाद जीवन में पाने के लिए कुछ रह ही नहीं जाता। जीवन में एक प्रकार का संपूर्ण समाधान प्राप्त हो जाता है।

*समग्र योग १२९*

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