आत्मा का एक ही रिश्ता शाश्वत
" मनुष्य के सब रिश्ते अशाश्वत होते हैं | आत्मा का एक ही रिश्ता शाश्वत होता है , वह रिश्ता है परमात्मा का | क्योंकि परमात्मा से ही आत्मा का निर्माण हुआ है | आत्मा के परमात्मा इसके सद्गुरु होते हैं | जो आत्मा का निर्माण करते हैं | सद्गुरु आत्मा को जन्म देने वाली माँ है |-- यह रिश्ता शाश्वत है क्योंकि सद्गुरु के बिना आत्मा का जन्म ही संभव नहीं है | ऐसा शाश्वत रिश्ता अभी तेरे साथ है | फिर साथ कोई है नहीं है , क्या फ़र्क़ पड़ता है ? "
हि.स.यो.१/२२२
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