आध्यात्मिक प्रगति के लिए

आध्यात्मिक प्रगति के लिए आपको आध्यात्मिक प्रगति की इच्छा से एकत्र हुए सामुहिक आत्माओं की सामूहिकता में आना होगा। समर्पण ध्यान कोई समाज-कार्य नहीं करता है, बल्कि इसमें सिर्फ आध्यात्मिक प्रगति की इच्छा से जो आत्माएँ इकठठा होती है, उनकी सिर्फ आध्यात्मिक प्रगति होती है। वह बात अलग है कि सामूहिकता में लोगों की समस्या दूर होती है , बीमारी दूर होती है। वह बात अलग है। वह बायप्रोडक्ट है। *सामूहिकता का उद्देश्य सिर्फ आध्यात्मिक प्रगति होना चाहिये , बाकी कुछ भी नही।*

*मधुचैतन्य अप्रैल२००६/३७*

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