क्योंकि सारा इलाका उग्रवादी लोगों का था। इसीलिए ही जो मिलट्री के अधिकारी भी आते थे , वे भी सैनिकों के साथ रोज शिबिर में आते थे। शिबिर गाँव की एक महिला ने भाग लिया था। ध्यान करके उसे भी अच्छा लगा। उसने लक्ष्मीबहन द्धारा मिलने का समय माँग तो मैंने दिया। तो वह महिला बोलीं, कुछ महिलाओं के साथ आप हमको समय दे सकते हैं क्या ? मैंने हाँ कहा। तो वह आसपास की कुछ महिलाओं को लेकर आई। वह उग्रवाद से पोडित माताओं के संगठन चलती थी।
भाग - ६ -१५२ १५३

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