स्त्री की शक्ति महान है
स्त्री की शक्ति महान है जो गुरुशक्तियों के आह्वान का दायित्व संभालती है ,आत्मसात करती है ।जितना उसका समर्पण होगा ,आत्मसात करने की शक्ति उतनी ही अधिक होगी ।स्त्री का कार्य सौम्य स्वरूप का है ,सूक्ष्म स्वरूप का होता है जो दिखता नही है ,पर होता है और बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है । इसी कारण स्त्री को " माँ " कहा गया है ;विशाल ह्रदयवाली ,विशाल चित्तवाली ,ग्रहण करणे की विशाल क्षमतावाली ,विशाल गुरुशक्तियों को आत्मसात करनेवाली और विशाल शक्तियों को ' जन्म देनेवाली ।" माँ "।
उसका कार्य अति सूक्ष्मस्वरूप का है :दिखता नही है , पर होता है ।
ही.का.स.योग... 2 ...
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