कमल से मनुष्य प्रेरणा ले सकता है कि मनुष्य का जन्म किसी भी स्थान पर हुआ हो, किसी भी जाति में हुआ हो, किसी भी धर्म में हुआ हो, किसी भी देश में हुआ हो, वह खराब से खराब स्थान पर जन्म लेकर भी कमल जैसा ऊपर उठ सकता है | यह ऊपर उठने की मनुष्य की शुध्ध इच्छा होनी चाहिए और , मैं एक कमल हूँ और कमल की तरह खिलूँगा ही, यह आत्मविश्वास होना चाहिए, तभी वह किचड़ से बाहर आ सकता है | मैं किचड़ नहीं हूँ, मैं एक कमल हूँ, यह आत्मविश्वास प्रथम निर्मित होना चाहिए .....
हि.स.यो-२

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