[19/03 10:16 pm] ‪+91 85540 48979‬: _* इस आध्यात्मिक जगत में मनुष्य के प्रयत्नो का कोई स्थान नहीं है और प्रयत्न ही इस आध्यात्मिक क्षेत्र में बाधक बन जाते है। क्यूँकि जैसे ही हम कोई प्रयत्न करते है, हमारा अस्तित्व ही अलग सा हो जाता है और आध्यात्मिक क्षेत्र में सारी प्रगति समूहिकता में ही होती है। और उस सामूहिक शक्ति के माध्यम होते है - गुरू। और जब हम अपने स्वयं के प्रयत्न करना छोड़ देते है और उनसे प्रार्थना करते है, तो प्रार्थना करने के माध्यम से हम उनसे जुड़ते है। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
🌻🙏🏻🌻
_*HSY 2 pg 281*_
[19/03 10:16 pm] ‪+91 85540 48979‬: _*यह शरीर एक धर्मशाला जैसा है जिसमें आत्मा कुछ समय व्यतीत करने के लिए आती है और बाद में अपने घर चली जाती है। और जो आत्मा पूर्णत्व को पाकर अपने घर जाती है, वह प्रसन्न रहती है क्यूँकि उसे मृत्यु का भय नहि लगता है। मृत्यु से वह ख़ुश होती है क्यूँकि उस आत्मा को उसके घर जाने को मिल रहा है। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
🌸🙏🏻🌸
_* HSY1 pg 447*_

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