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🎍शिर्डी 🎍मोक्ष का महाद्वार 🎍
🔱परम पूज्य गुरुदेव 🔱
        जीवंत  समाधीस्त  गुरु  को  र्हदय  से  प्रार्थना  करना  और  प्रर्थना  भी  लाखों  की  सामूहिकता  में  रहकर  करना । और  ऐसा  स्वर्णिम  अवसर  "श्री साईबाबा  समर्पण  ध्यान  महाशीवीर " के  रूप  में  आपको  मिल  रहा  है । क्योँकि  अब  तक  श्री  साईबाबा  के  समाधि  के  पास  "भौतिक  बाते "बहोत  माँग  ली । इस  बार  आत्माक्षातकार  की  इच्छा  कीजिए  ताकि  बाद  में  जीवन  में  माँगने  के  लिए  कुच्छ  बाकी  न  रह  जाए । इसलिए  "शिर्डी  मोक्ष  का  द्वार "है , लेकिन  आपको  ही  "प्रार्थना" करके  वह  द्वार  खोलना  होगा  और  अनुभूति  के  जगत  में  प्रवेश  करना  होगा ।

🔰 मधुचैतन्य 🔰
अ .म .जून .२०१३
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प्रत्येक धमॅ में दान को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है। क्यों ?

कोई भिखारी आया, उसके सामने एक रूपया फेंक दिया यह दान नहीं है।

दान का उद्देश्य, आपके भीतर आपसे नीचे जो हैं उनके लिए करूणा जागृत होने की आवश्यकता है।

क्योंकि अगर आपके मन में आपके नीचे जो हैं उनके लिए करूणा जागृत हुई,

तो परमात्मा से भी करूणा माँगने के आप अधिकारी हो जाते हैं।

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नाभी चक्र,
प्रथम समपॅण ध्यान महाशिविर,
2004

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