[16/03 7:46 pm] +91 72196 19771: ➰🙏🏻 *॥जय बाबा स्वामी॥* 🙏🏻➰
*काया तो आत्मा का है एक चोला , काया की माया में काहे मन डोला ........*
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गुरू हमारी आत्मा और परमात्मा के बीच का पुल होता है। और गुरू पुल है , हमें उससे उसके भी पार जाना है। पुल परमात्मा नहीं है। पुल अलग है और परमात्मा अलग है। पर बिना पुल के परमात्मा तक पहुँचा नही जा सकता है। हमें अगर परमात्मा तक पहुँचना है , तो हमें पुल का अवलंब करना ही होगा और परमात्मा तक पहुँचने के लिए पुल के उपर से जाना होगा, अपने आप को पुल को समर्पित करना होगा, कुछ क्षण पुलमय होना होगा , थोडे समय पुल पर रहना होगा। तभी परमात्मा तक पहुँचा जा सकता है। पुल किसिको बुला नही सकता और न पुल पर से जाने से किसि को रोक सकता है। वह इन सबसे मुक्त होता है। वह सबका स्वागत ही करता है और वह प्रस्तुत होता है कि कोई इसका उपयोग करके परमात्मा तक पहुँचे। क्योंकि आप परमात्मा तक पहुँचे , यही गुरूरूपी पुल का उद्देश्य होता है।
हम पुल को देख रहे हैं , इसका अर्थ है, हम पुल के उपर नही हैं। क्योंकि अगर हम पुल के उपर होते तो हमें पुल अलग से दिख ही नहीं सकता था। पुल अगर दिख रहा है यानि हम पुल पर नहीं है। जब हम पुल पर चले जाएँगे , पुल का अस्तित्व अलग से नहीं होगा क्योंकि हम स्वयं भी पुल ही हो जाएँगे। ठीक इसी प्रकार से, गुरू को देख रहे हैं यानि अभी गुरूमय हुए नहीं हैं। गुरुमय होने के बाद गुरू दिखता नहीं , केवल अनुभव होता है। और अनुभव होता है केवल चैतन्य , चैतन्य , चैतन्य! क्योंकि सद्गुरू का इससे अलग कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसलिए हमें गुरुमय होना है।
*हिमालय का समर्पण योग २/१४९*
➰🙏🏻 *॥आत्म देवो भव:॥* 🙏🏻➰
[16/03 8:49 pm] +91 97022 81524: ===========================
🌞प्रथम श्रीगुरुशक्तिधाम 🌙
समर्पण आश्रम , दांडी
संदर्भ :--
"आतमेष्वर "
को आज पूर्नत्व प्राप्त हो गया है । इसके निर्माण में "गुजरात "के साधक और साधिकाओँ का भाव और महत्वपूर्ण योगदान है । उनसे जैसा भी बन पाया, उन्होने बना दिया था । इसी भावपूर्ण स्थापना के कारण ही आज विश्वभर में समर्पण परिवार हो सका है । यह कहे तो अतिशयोक्ति नही होगी की यही पॉवर हाउस है जहाँ से विश्वभर में ऊर्जा शक्ति प्रवाहित की जा रही है ।
आपका
बाबास्वामी
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