गुरूकार्य में माध्यम बनने से चित्तशुद्धि
प.पू.स्वामीजी ने साधकों से अनुरोध किया कि यदि चित्त शुद्धि करनी है तो मेरा माध्यम बनो मुझ से ग्रहण कर आगे पहुँचाते जाओ। इस माध्यम बननें में कब चित्त शुद्ध हो जायेगा पता भी नहीं चलेगा।
*मधुचैतन्य अक्टू.२००९/३४*
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