दूसरा लक्ष्मीबहन , परमात्मा जिसके भी माध्यम बनाता है न  वह उसे पहले खूब जुकाता है। वह इसीलिए कि परमात्मा प्रथम उसके अहंकार को तोड़ता है कि मैं औऱ मैंने किया यह भाव उसमे न आए। अब मेरे ही परमात्मा ने जब मुझे माध्यम बनाया , उसके बाद आजतक मैंने कुछ किया , यह कहने को मेरे पास कुछ भी नहीं।
भाग - ६ -१४९

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