🕉॥ माँ ॥ 🕉

   माध्यम  हमारी  माँ  है । हमारे  लिए  क्या  अच्छा   है  और  क्या  बुरा  है , यह  हमसे  अधिक  उस  माध्यम  को  मालूम  है  तो  फिर  माँगना  क्या ?जो  है , उसमेँ  हम  खुश  है और जो  नही  है , वह  आवश्यक  भी  नही  है । और  जो  आवश्यक  नही  है , वह  माँगना  क्यों ?. . .
ही.का.स.योग...5...

🙏🏻🌹आध्यत्मिक मार्ग में प्रगति करने के लिए सर्वप्रथम आवश्यक है - पुण्यकर्म | अगर हमारे पास पुण्यकर्म है तो ही हमारे को शुद्ध इच्छा हो सकती है | और शुद्ध इच्छा वह इच्छा है जो आत्मा की होती है | और बाद में वह इच्छा ही आपके आसपास परिस्थिति निर्माण करती है और धीरे - धीरे आपके जीवन में किसी "सद्गुरु" का आगमन होता है और सद्गुरु के माध्यम से "अध्यात्म का बीज" प्राप्त होता है | यह सब होता है अपने पुण्यकर्म के कारण और फिर मनुष्य की शुद्ध इच्छा ही उस बीज को अंकुरित करती है ,बढाती है | आध्यात्मिक प्रगति के लिए सद्गुरु एक निमित्य है लेकिन उनके बिना प्रगति संभव ही नहीं है |🌹🙏🏻

🍃हि.स.यो.५/२७ 🍃🕊

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

рд╕рд╣рд╕्рдд्рд░ाрд░ рдкрд░ рдХुрдг्рдбрд▓िрдиी