कई जन्मों के पश्चात मनुष्य को समझ
कई जन्मों के पश्चात मनुष्य को समझ आती है कि धन में, भौतिक सुखों में , शाश्वत सुख नहीं है | फिर कहीं वो शाश्वत सुख की खोज में जन्म लेती है और फिर किसी सद्गुरु की कृपा में आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करती है | उसे "मैं एक आत्मा हूँ " यह बोध होता है , जैसे जैसे वह जागृत होती है ,वह सारे भौतिक जगत से विमुख होने लगती है और फिर उसे केवल आत्मज्ञान प्राप्त करने में ही आनंद मिलता है और फिर वह ध्यानसाधना करके अपने जीवनकाल में ही मोक्ष की एक स्तिथि प्राप्त करती है |
हि.स.यो.१/३३६
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